
इंदौर
जुलाई में इंदौर-निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस का परीक्षण हो सकता है। यह प्रक्रिया पलवल (हरियाणा) से मथुरा स्टेशन (87 किमी) के बीच होगी। इस हिस्से में कवच प्रणाली भी लगी है। इस ट्रेन का पांच से सात मिनट तक आगरा कैंट में ठहराव होगा। छह महीने पहले इंदौर से वंदे भारत की मांग उठी थी। रेलवे बोर्ड को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था। इसी बीच कवच की उपयोगिता की जांच भी की जाएगी। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि नया रैक नई दिल्ली आ चुका है। जल्द ही इंदौर-निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस का परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण के दौरान छह से आठ कोच लगाए जाएंगे। फिलहाल परीक्षण की तारीख नहीं हुई है। रेलवे बोर्ड की अनुमति के बाद ट्रायल होगा। ट्रेन की अधिकतम गति 160 किमी प्रतिघंटा होगी। औसत गति 120 से 130 किमी प्रतिघंटा तक होगी।
इंदौर और दिल्ली के बीच यात्रियों को नई सुविधा मिलेगी
बता दें कि फिलहाल इंदौर से नागपुर तक एक ही वंदे भारत चलाई जा रही है। ये इंदौर के प्लेटफार्म-1 से सुबह 6.10 चलकर भोपाल सुबह 9.10 बजे और नागपुर दोपहर 2.30 बजे पहुंचती है। इसी प्रकार नागपुर से दोपहर 3.20 चलकर भोपाल रात रात 8.38 बजे और इंदौर रात रात 11.50 बजे पहुंचती है। सांसद शंकर लालवानी के मुताबिक हमने छह महीने पहले केंद्रीय रेल मंत्री से इस ट्रेन की मांग की थी। इस ट्रेन के चलने से इंदौर-नई दिल्ली के बीच यात्रियों को नई ट्रेन की सुविधा मिलेगी।
ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाती है प्रणाली
भारतीय रेलवे द्वारा स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली विकसित की गई है, जिसका नाम कवच रखा गया है। यह प्रणाली सिग्नलों को पार करने और टक्कर से बचने जैसी मानवीय त्रुटियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में मदद करती है। कवच प्रणाली लोको पायलट को खतरे के संकेतों को पार करने और तेज गति से गाड़ी चलाने से रोकने में मदद करती है। खराब मौसम में भी ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में सहायता करती है।
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