
लखनऊ
उत्तर प्रदेश की एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने देश विरोधी गतिविधियों में शामिल दो जासूसों को गिरफ्तार कर एक बड़ी सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपियों में एक का नाम तुफैल है जिसे वाराणसी से पकड़ा गया, जबकि दूसरे आरोपी मोहम्मद हारून को दिल्ली से दबोचा गया। दोनों को गुरुवार देर रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
ATS दाखिल करेगी रिमांड अर्जी
एटीएस का मानना है कि इन दोनों आरोपियों से देशविरोधी नेटवर्क के कई और तार जुड़ सकते हैं। इसलिए दोनों की गहन पूछताछ के लिए ATS जल्द ही कोर्ट में रिमांड की अर्जी दाखिल करेगी। अधिकारियों का कहना है कि रिमांड के दौरान उनसे पूछताछ कर और भी अहम जानकारियां सामने लाई जा सकती हैं, जिससे इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचा जा सके।
यह मामला इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि कैसे सोशल मीडिया और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर देश की सुरक्षा व्यवस्था को भेदने की साजिशें की जा रही हैं। ATS और सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गई हैं और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
600 से जुड़ा था तुफैल
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मोहम्मद हारून का संपर्क पाकिस्तानी उच्चायोग से था और वह भारत की संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान को भेज रहा था। वहीं तुफैल, नफीसा नाम की एक महिला के हनी ट्रैप में फंसकर देश के संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें साझा कर रहा था। सूत्रों के मुताबिक, तुफैल व्हाट्सएप पर करीब 600 पाकिस्तानी नागरिकों से जुड़ा हुआ था।
तुफैल उन तक संवेदनशील सूचनाएं और जानकारी पहुंचाता था। इसके अलावा, तुफैल तहरीके-लब्बैक पाकिस्तान से संबंधित सामग्री भी लोगों के बीच प्रचारित करता था, जो एक कट्टरपंथी संगठन के रूप में पहचाना जाता है।
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