
नई दिल्ली
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को कहा कि विपक्षी पार्टियां बिहार में चल रही 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (एसआईआर) यानी मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पर संसद में चर्चा की मांग कर रही हैं, लेकिन सरकार इस पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। खरगे ने चेतावनी दी कि अगर सरकार इस मुद्दे पर चर्चा से इनकार करती है, तो इसे ऐसा माना जाएगा कि वह लोकतंत्र और संविधान को नहीं मानती। उन्होंने कहा, 'एसआईआर पर चर्चा बेहद जरूरी है ताकि हर भारतीय नागरिक के मतदान के अधिकारों की रक्षा की जा सके।'
क्या है एसआईआर?
विशेष गहन पुनरीक्षण एक प्रक्रिया है जिसमें चुनाव आयोग मतदाता सूची को दोबारा जांचेगा, ताकि उसमें किसी भी तरह की गलती, दोहराव या अपात्र नामों को हटाया जा सके और नए योग्य मतदाताओं को जोड़ा जा सके।
विपक्ष की क्या है चिंता?
विपक्षी दलों का कहना है कि बिहार में एसआईआर की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है, और इससे कई लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा सकते हैं, जिससे उनके वोट देने का अधिकार छिन सकता है। इसी वजह से वे इस पर संसद में खुली बहस चाहते हैं। खरगे ने यह भी कहा कि, 'अगर सरकार वाकई में लोकतांत्रिक मूल्यों को मानती है, तो उसे एसआईआर पर खुलकर चर्चा करनी चाहिए।'
सरकार की चुप्पी पर खरगे का सवाल
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार, केंद्र सरकार एसआईआर पर चर्चा से बच रही है, जिससे शक पैदा होता है कि वह जानबूझकर इस मुद्दे को नजरअंदाज कर रही है।
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