नई दिल्ली
आपने कभी टीवी या स्मार्टफोन खरीदते समय Dolby Vision और Dolby Atmosलिखा देखा हो, तो जरूर सोचा होगा कि आखिर ये क्या है और TV संग इसका नाम जुड़ते ही उसका प्राइस क्यों बढ़ जाता है? आसान भाषा में बात करें, तो ये दोनों टेक्नोलॉजी आपके देखने और सुनने के एक्सपीरियंस को बेहतर बनाते हुए अगले लेवल तक पहुंचा देती हैं। इन दो फीचर्स के आपके टीवी में होने की वजह से आप सिनेमा जैसा एक्सपीरियंस अपने टीवी पर ले पाते हैं। जैसा कि नाम से समझ आता है Dolby Vision का संबंध पिक्चर क्वालिटी से है। वहीं Dolby Atmos का मामला साउंड यानी कि आवाज से संबंधित है। चलिए इनके बारे में डिटेल में जानते हैं।
Dolby Vision क्या है?
Dolby Vision एक अडवांस्ड HDR यानी कि High Dynamic Range टेक्नोलॉजी है। यह आपके टीवी पर रंगों, रोशनी और कॉन्ट्रास्ट को इतना नेचुरल बना देती है कि हर सीन असली जैसा लगता है। इस बात को टेक्निकली समझें, तो एक आम HDR की तुलना में Dolby Vision में 12-बिट कलर डेप्थ होती है। इससे लाखों रंगों के शेड्स दिखते हैं। इसकी वजह से आपको टीवी ब्लैक एरिया ज्यादा गहरा काले रंग का और ब्राइट हिस्सा ज्यादा चमकदार दिखता है। Netflix, Disney+ और Amazon Prime जैसे प्लेटफॉर्म अब Dolby Vision कंटेंट भी ऑफर करते हैं। ऐसे में आप चाहें, तो अपने टीवी पर ही फिल्मों का आनंद उसी तरह से ले सकते हैं, जैसे कि सिनेमा हॉल में लेते हैं।
Dolby Atmos क्या है?
Dolby Atmos को आप “3D ऑडियो” की तरह समझ सकते हैं। पहले आसान भाषा में समझे, तो इस टेक्नोलॉजी की वजह से आपको साउंड या आवाज अलग-अलग दिशाओं से आती हुई महसूस होती है। कहने का मतलब है कि यह टेक्नोलॉजी आवाज को सिर्फ बाए-दाए से नहीं बल्कि ऊपर, पीछे और चारों ओर से सुनने का एक्सपीरियंस देती है। उदाहरण के लिए अगर किसी सीन में कांच का ग्लास एक्टर के पीछे टूटता है, तो आप भी उस आवाज को अपने पीछे महसूस करेंगे। इससे कंटेंट देखने का आपका एक्सपीरियंस रियल जैसा हो जाता है। इस फीचर के लिए स्पेशल स्पीकर्स या साउंडबार की जरूरत पड़ती है जो Atmos को सपोर्ट करते हों। आजकल कई स्मार्ट टीवी और लैपटॉप भी इनबिल्ट Dolby Atmos के सपोर्ट के साथ आते हैं। इनकी मदद से बिना थिएटर जाए थियेटर जैसा अनुभव घर पर ही मिल जाता है।
क्यों बढ़ जाती है कीमत?
Dolby Vision और Dolby Atmos वाले डिवाइस जैसे कि TV में बेहतर प्रोसेसर, डिस्प्ले पैनल और ऑडियो चिप्स इस्तेमाल किए जाते हैं। इन्हें लाइसेंस देने के लिए कंपनियां Dolby Laboratories को रॉयल्टी फीस भी चुकाती हैं। यही वजह है कि ऐसे टीवी या डिवाइस थोड़े महंगे होते हैं। हालांकि अगर आप सच में प्रीमियम क्वालिटी का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस थोड़ी ज्यादा कीमत को खर्च करने पर आपको कभी दुख नहीं होगा।

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